जी20 शिखर सम्मेलन 2023 | जी-20 क्या है? भारत के लिए महत्वपूर्ण क्यों? और चुनौतियां |

जी20 शिखर सम्मेलन 2023

G20 क्या है?

चर्चा में क्यों है?

जी-20, 2023 भारत के लिए महत्वपूर्ण क्यों ?

जी-20, 2023 में भारत के समक्ष चुनौतियां।

निष्कर्ष।

नोट: मेंस आंसर राइटिंग के दृष्टिकोण से यह लेख काफी महत्वपूर्ण है।

 

जी-20 क्या है? (जी20 शिखर सम्मेलन 2023)

जी-20 की स्थापना

जी20 अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का एक प्रमुख मंच है। इसकी स्थापना 25 सितम्बर 1999 को अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी में एशियाई वित्तीय  संकट में स्थिरता लाने के लिए की गई थी। जिसने विशेष रूप से पूर्वी एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया को प्रभावित किया था।

जी-20 का उद्देश्य-

इसका मुख्य उद्देश्य विकासशील देशों में आर्थिक स्थिरता को बनाए रखने के साथ ही जलवायु परिवर्तन, स्वास्थ्य और राजनीतिक मुद्दों पर विचार-विमर्श एवं आपसी सहयोग को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है। (जी20 शिखर सम्मेलन 2023)

जी-20 के सदस्य देश- 

जी20 समूह में 19 देशों के साथ यूरोपीय यूनियन का समूह भी है (जी20 के सभी देश इस प्रकार हैं अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन,  फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, कोरिया गणराज्य, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपियन यूनियन)।

नोट: स्पेन इसका स्थायी अतिथि है जिसे प्रत्येक वर्ष आमंत्रित किया जाता है।

जी-20 का सचिवालय-

इस समूह का कोई स्थाई सचिवालय नहीं है इसकी अध्यक्षता ट्रोइका द्वारा समर्थित है। ट्रोइका में तीन देश शामिल होते हैं यह तीनों देश जी-20 के पूर्ववर्ती, वर्तमान व भावी अध्यक्ष होते हैं। 2023 में इंडोनेशिया, भारत और ब्राज़ील भारत की अध्यक्षता के दौरान ट्रोइका में शामिल होंगे।

 

जी20 शिखर सम्मेलन 2023
जी20 शिखर सम्मेलन 2023

जी20 शिखर सम्मेलन 2023 चर्चा में क्यों है?

  • वर्ष 2023 में भारत पहली बार जी20 देशों की मेजबानी करेगा
  • यह18वां जी20 शिखर सम्मेलन है।
  • जी20 शिखर सम्मेलन वर्ष 2023 में 9 से 10 सितंबर तक दिल्ली में आयोजित होगा
  • 1 दिसंबर 2022 से ही भारत ने इस सम्मेलन की अध्यक्षता इंडोनेशिया से ग्रहण कर लिया है जो 30 नवंबर 2023 तक भारत के पास रहेगी

      

जी20 शिखर सम्मेलन 2023 का लोगो(LOGO)- 

2023 का जी20 लोगो भारत के राष्ट्रीय ध्वज के रंगों (केसरिया, सफेद और हरे, एवं नीले रंग) से प्रेरित है। इसमें भारत के राष्ट्रीय पुष्प कमल को पृथ्वी ग्रह के साथ प्रस्तुत किया गया है जो चुनौतियों के बीच विकास के साथ जीवन के प्रति भारत के पर्यावरण अनुकूल दृष्टिकोण को दर्शाता है। जी20 लोगो के नीचे देवनागरी लिपि में “भारत” लिखा है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदी को मिली पहचान को दर्शाता है। अतः इस वर्ष का लोगो भारत के विकास को दर्शाता है।

 

भारत का जी20 शिखर सम्मेलन 2023 के अध्यक्षता का विषय(Theme)-

                  “वसुधैव कुटुम्बकम” या “एक पृथ्वी · एक कुटुंब · एक भविष्य” 

इस विषय का लक्ष्य है जी20 का ध्यान साझा प्रगति और साझा विकास की ओर केंद्रित करना और यह सुनिश्चित करना की यह प्रगति हमेशा प्रकृति के साथ हो।

‘जी20 शिखर सम्मेलन 2023 में आमंत्रित देश’ – बांग्लादेश मिस्र मॉरीशस नीदरलैंड ओमान नाइजीरिया सिंगापुर स्पेन और संयुक्त अरब अमीरात।   

 

जी20 शिखर सम्मेलन 2023 भारत के लिए महत्वपूर्ण क्यों है ?

 

विश्व के सबसे शक्तिशाली समूह में से एक जी20 की अध्यक्षता करना प्रत्येक भारतवासी के लिए गर्व की बात  है और यह कई मायनों में महत्वपूर्ण है –

 

  • जी20 समूह के भीतर विश्व के वह तमाम देश शामिल हैं जिनका वर्ल्ड जीडीपी में करीब 85% भागीदारी है, इसमें वैश्विक व्यापार का 75% शामिल है तथा यह दुनिया की 60% आबादी का प्रतिनिधित्व करता है और ऐसे समय में इसकी अध्यक्षता करना भारत की वैश्विक मंच पर लगातार हो रही मजबूत स्थिति को दर्शाता है

 

  • जी20 की अध्यक्षता करना यह भी सुनिश्चित करता है कि भारत एक विश्व नेता के रूप में उभर कर सामने आ रहा हैकोविड महामारी के दौरान लगातार जरूरतमंद देशों को स्वास्थ्य सुविधाएं तथा वैक्सीन उपलब्ध कराकर भारत ने वैश्विक नेता की जो भूमिका निभाई थी, उसी का परिणाम है कि भारत को अब एक नेतृत्वकर्ता के रूप में भी देखा जा रहा है

 

  • भारत के विभिन्न राज्यों में जी20 के कई बैठकों का आयोजन किया जाएगा जिसमें जम्मू कश्मीर भी शामिल है इससे हम वैश्विक स्तर पर ये संदेश दे पाएंगे की आजादी के समय से ही जम्मू कश्मीर भारत का एक अभिन्न अंग है साथ ही भारत दुनिया को अपनी सभ्यता, संस्कृति और गौरवशाली इतिहास से परिचित करा सकेगा |

 

  • जी20 के आयोजन के जरिए भारत अपनी आर्थिक, तकनीकी, सामाजिक तथा राजनीतिक प्रगति का भी प्रदर्शन करेगाजिससे विश्व के कई देशों का भारत को लेकर जो नजरिया है उसमें बदलाव आएगा

 

  • यदि हम भारत में स्टार्टअप क्षेत्र में हुई प्रगति को देखें तो आज कई स्टार्टअप कंपनियां अब यूनिकॉर्न कंपनियां बन चुकी हैं इस आयोजन के जरिए भारत दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं को अपने यहां निवेश करने के लिए आकर्षित करेगा

 

  • भारत साउथ ईस्ट एशिया में अपना फोकस बढ़ाना चाहता है। इसलिए भारत का फोकस वित्तीय समावेशन, डिजिटलीकरण और क्लाइमेट चेंज ऐसे मुद्दों पर काम कर आगे बढ़ने की होगी

 

 जी20 शिखर सम्मेलन 2023 में भारत के समक्ष चुनौतियां-

2023 में जी20 की अध्यक्षता भारत के लिए जहाँ एक ओर अवसर को बढ़ाता है। वही दूसरी ओर कई चुनौतियां भी भारत का इंतजार कर रही हैं जैसे-

 

  • सबसे बड़ी चुनौती रूस – यूक्रेन युद्ध है क्योंकि रूस भी जी20 का एक महत्वपूर्ण सदस्य है। ऐसे में भारत को काफी संवेदनशील तरीके से सोचने तथा निर्णय लेने की जरूरत है ताकि इस चुनौती का कोई समाधान निकाला जा सके। यदि भारत इस चुनौती का समाधान निकालने में कामयाब हो जाता है तो यह काफी बड़ी उपलब्धि होगी।

 

  • वैश्विक स्तर पर बढ़ते युद्धों तथा कई देशों में बढ़ती आंतरिक अशांति (जैसे – अफगानिस्तान) के कारण खाद्य वस्तु तथा ऊर्जा (जैसे फर्टिलाइजर तेल तथा प्राकृतिक गैस) की कमी के कारण, लगातार इनकी बढ़ती कीमतों की वजह से पूरी दुनिया महंगाई की समस्या से जूझ रही हैऐसे में भारत के सामने लगातार बढ़ती मुद्रास्फीति से निपटने की चुनौती बनी रहेगी

 

  • वर्तमान वैश्विक अर्थव्यवस्था बहुत सारी चुनौतियों से जूझ रहा है जिसमें से एक है आर्थिक मंदीआज अमेरिका और यूरोप जैसे विकसित देशों में आर्थिक मंदी की बात चल रही है। अतः भारत के सामने चुनौती होगी की जी 20 देशों के सहयोग से इस प्रकार का नीति निर्माण किया जाए जिससे पूरी दुनिया को फायदा हो।

 

  • आज दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों ने ब्याज दरों को बढ़ा दी है जिससे काफी देश जिन्होंने बहुत बड़े कर्ज़े लिए थे उन पर काफी आर्थिक दबाव आ गए हैं कर्जदार देशों को भी जी-20 में शामिल किया जाए ताकि उन्हें इस संकट से बाहर निकाला जा सके

 

  • जहां जलवायु परिवर्तन से होने वाले दुष्परिणामों को रोकने हेतु प्रत्येक वर्ष सभी देश अपनी प्रतिबद्धता दर्शाते हैं वही दूसरी तरफ कई देशों द्वारा इन क्षेत्रों में सब्सिडी प्रदान की जाती है जिससे कार्बन उत्सर्जन में कमी होने की जगह बढ़ोतरी हुई है जो जी 20 देशों के लिए ही नहीं बल्कि वैश्विक समस्या है जिस पर भारत को आगे आकर नीति निर्माण करने की आवश्यकता है

 

निष्कर्ष-

कहा जा सकता है कि जी20 की अध्यक्षता करना भारत के लिए गर्व की बात है इसके साथ ही पूरी दुनिया की निगाहें भारत पर टिकी हैं कि भारत कौन सी रणनीति अपनाता है जिससे पूरी दुनिया का राजनीतिक तथा आर्थिक विकास हो हालांकि जी20 की अध्यक्षता करना भारत के लिए जितना महत्वपूर्ण है उतना ही चुनौतीपूर्ण भीपरंतु यह भारत को एक ऐसा मंच प्रदान करेगा जहां भारत कई मुद्दों पर अपना दृष्टिकोण रख सकता है और कई व्यापार समझौतों पर अलग-अलग देशों से बात हो सकती है जिससे भारत दुनिया में अपनी एक नई छवि बना सकेगा


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