उपनिवेशवाद क्या है ? इसके मुख्य साधन क्या हैं ? What is Colonialism in Hindi | 2023

उपनिवेशवाद क्या है ? 

‘उपनिवेशवाद क्या है ?’(What is Colonialism ) –  उपनिवेशवाद एक आर्थिक संकल्पना है, जब किसी मातृ देश द्वारा दूर स्थित देश पर (अर्थात शक्तिशाली देश के द्वारा किसी कमजोर देश पर)आर्थिक शोषण के उद्देश्य से नियंत्रण स्थापित किया जाता है तो उसे उपनिवेशवाद कहते हैं | उपनिवेशवाद का कालखंड लगभग 1500 से 1945 तक के समय को माना जाता है |  यह एक जटिल शासन प्रणाली है जिसके अंतर्गत शासक देश उपनिवेशों में अपने लोगों को बसा कर वहां के समाज तथा संस्कृति में अपनी जरूरत के अनुसार बदलाव लाते हैं |  

उपनिवेशवाद क्या है
उपनिवेशवाद क्या है

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उपनिवेशवाद की स्थापना अचानक या स्वतः होने वाली प्रक्रिया नहीं है, इसकी स्थापना के लिए अनेक साधनों का प्रयोग किया जाता है जैसे:-

  •  सैनिक साधन
  • आर्थिक साधन
  • सांस्कृतिक साधन

 

सैनिक साधन-

 जब सैनिक ताकतों द्वारा युद्ध करके तथा वहाँ की सेना एवं प्रशासन इत्यादि संरचना को संगठित करके किसी देश पर अपना शासन स्थापित किया जाए तो इसे सैनिक उपनिवेशवाद कहते हैं | जैसे – रोमन, अरब, मंगोल,  जापानी (आधुनिक काल में) इत्यादि | (उपनिवेशवाद क्या है ?)

आर्थिक साधन-

जब किसी आर्थिक रूप से मजबूत देश द्वारा किसी ऐसे देश पर नियंत्रण स्थापित किया जाए ”जहाँ की जनसंख्या ज्यादा हो तथा वह देश आर्थिक रूप से भी ज्यादा संपन्न न हो” जिससे आर्थिक संपन्न देशों द्वारा निर्मित वस्तुओं को खपाने के लिए एक बड़ा बाजार मिल जाए | अतः उनका मुख्य उद्देश्य अपने उपनिवेशों को स्वयं पर निर्भर बनाना था ताकि वहाँ के संसाधनों का अंधाधुन दोहन कर सकें और अपने उपनिवेश देशों से कच्चे माल के निर्यात द्वारा अपने व्यापार वाणिज्य को और भी बढ़ाया जा सके तथा मुनाफा कमाया जा सके | 

जैसे – ब्रिटेन का भारत में शासन |

सांस्कृतिक साधन-

जब किसी देश द्वारा अपनी संस्कृति एवं विचारधारा को श्रेष्ठ बतलाकर दूसरे देशों पर थोपा जाए तथा उनके समाज एवं संस्कृति में बदलाव करते हुए उनपर शासन स्थापित किया जाए तो इसे सांस्कृतिक साधन कहते हैं |

जैसे – भारत में आधुनिक काल में ईसाई मिशनरियों का आगमन | इन मिशनरियों ने अपने धर्म के प्रचार प्रसार द्वारा समाज एवं संस्कृति में काफी बदलाव लाने की कोशिश की यहाँ के लोगों को असभ्य एवं बर्बर बताकर तथा अपने धर्म को श्रेष्ठ बताकर अपनी संस्कृति को थोपने का कार्य किया जो वर्तमान में भी देखी जा सकती है | (उपनिवेशवाद क्या है ?)

निष्कर्ष:-

निष्कर्षतः यह कहा जा सकता है कि, उपनिवेशवाद शासन की एक ऐसी प्रणाली थी जिसमें किसी शक्तिशाली देश के द्वारा किसी कमजोर देश पर शक्ति का प्रयोग कर उसके प्राकृतिक संसाधनों का उपभोग के साथ ही सैनिक, आर्थिक तथा सांस्कृतिक साधनों के माध्यम से उपनिवेशों का शोषण किया गया तथा अपनी श्रेष्ठता एवं विचारों को उपनिवेशों पर थोपने की कोशिश की गयी | (उपनिवेशवाद क्या है ?)


FAQ

Q – उपनिवेशवाद तथा साम्राज्यवाद में क्या अंतर है ?

Ans – उपनिवेशवाद लगभग उसी प्रकार की प्रणाली है जैसे कि साम्राज्यवाद। उपनिवेशवाद तथा साम्राज्यवाद एक ऐसी शासन प्रणाली या व्यवस्था है जिसमें बड़ी शक्तियों द्वारा छोटी शक्तियों को अपने अधीन बनाकर साम्राज्य स्थापित करते हुए दबदबा कायम किया जाता है। परंतु साम्राज्यवाद की अपेक्षा उपनिवेशवाद एक जटिल प्रक्रिया है, साम्राज्यवाद के तहत प्राचीन व मध्यकाल में कोई भी बड़ी शक्ति यदि किसी भी देश पर अपना नियंत्रण स्थापित करती थी तो उनका मुख्य उद्देश्य राजनितिक वर्चस्व को बढ़ाना होता था, वो अपनी संस्कृति तथा विचारों को अपने अधीनस्य देशों पर थोपने की कोशिश नहीं करते थे, आर्थिक रूप से शोषण तो करते थे परंतु यह द्वितीयक था। 

Q – उपनिवेशवाद से आप क्या समझते हैं (उपनिवेशवाद क्या है ?) और औद्योगीकरण ने उपनिवेशवाद को जन्म दिया कैसे ?

Ans – उपनिवेशवाद एक ऐसी शासन प्रणाली है, जिसमें कोई मातृ देश दूरदराज के देशों पर आर्थिक शोषण के उद्देश्य नियंत्रण करता है और अपने औपनिवेशिक सत्ता को स्थापित करता है।

यूरोप में नए-नए आविष्कारों ने कई नए उद्योगों को जन्म दिया, फैक्ट्रियों की स्थापना हुई तथा उत्पादन में काफी वृद्धि हुई, जिससे उत्पादित वस्तुओं को खपाने के लिए नए बाजार की आवश्यकता थी। इसने उपनिवेशवाद को जन्म दिया या कहें तो इससे उपनिवेशवाद को बढ़ावा मिला। (उपनिवेशवाद क्या है ?)

Q – भारत में उपनिवेशवाद का क्या प्रभाव पड़ा ?

Ans – भारत पर भी आधुनिक काल में ब्रिटेन का उपनिवेश स्थापित हुआ। इसके साथ ही ब्रिटेन ने भारतीयों का काफी सामाजिक, राजनीतिक तथा आर्थिक शोषण किया जैसे – भारत से भारी मात्रा में कच्चे माल का निर्यात ब्रिटेन में किया गया ताकि वहां का व्यापार फल-फूल सके, लोगों से जबरदस्ती नील की खेती कराई जाती थी जिससे जमीन कुछ वर्षों के लिए बंजर हो जाती थी, इसके साथ ही भारत से भारी संख्या में धन का भी दोहन किया गया। 

अतः इसके लिए उन्होंने यहीं कि सेना, यहीं का प्रशासन इत्यादि को संगठित किया। आगे भारतीयों पर शासन करते हुए अपने सामाजिक तथा सांस्कृतिक विशेषताओं (जैसे – ईसाई मिशनरियों द्वारा अपने धर्म तथा संस्कृति का प्रचार प्रसार) को लाते हुए भारतीय समाज एवं संस्कृति में बदलाव लाने का कार्य किया जो वर्तमान में भी भारतीय समाज में दृष्टिगत है जैसे – व्यवहार, विचार, खान-पान, पहनावा, भाषा, संस्कृति इत्यादि। 

Q – भारत किसका उपनिवेश था ?

Ans – भारत काफी लंबे समय तक (लगभग 200 वर्षों तक) ब्रिटेन का उपनिवेश रहा था। 

 

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