यूपीएससी राजनीति विज्ञान एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध वैकल्पिक पाठ्यक्रम-2023
‘राजनीति विज्ञान एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध’ यूपीएससी(UPSC) मेन्स परीक्षा के वैकल्पिक विषय की सूची में सम्मिलित 48 विषयों में से एक है, जो उम्मीदवारों द्वारा काफी पसंद किया जाने वाला विषय भी माना जाता है। यदि आप यूपीएससी(UPSC) की तैयारी के क्रम में ‘राजनीति विज्ञान एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध’ को वैकल्पिक विषय (Optional Subject) के रूप में लेना चाहते हैं, तो इस लेख (UPSC Political Science Optional Syllabus in Hindi 2023) में दिया गया सिलेबस आपके लिए काफी मददगार साबित होगा।यह सम्पूर्ण सिलेबस ऑफिसियल विज्ञापन से लिया गया है।
आपको बता दें कि सभी वैकल्पिक विषय (Optional subjects) के 2-2 पेपर होते हैं जो कि 250-250 अंकों के होते हैं। यहाँ ‘राजनीति विज्ञान एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध’ के सम्पूर्ण पाठ्यक्रम (syllabus) को विस्तार पूर्वक दिया गया है।
परीक्षा (Exam) – यूपीएससी मेन्स वैकल्पिक विषय (UPSC Mains Optional Paper) विषय (Subject) – राजनीति विज्ञान एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध (Politics and Science International Relations) 2 Papers प्रश्न पत्र – 1 (Paper-1) = 250 Marks प्रश्न पत्र – 2 (Paper- 2) = 250 Marks Total = 500 Marks |
प्रश्न पत्र – 1 (Paper-1)
राजनीतिक सिद्धांत और भारतीय राजनीति:-
1. राजनीतिक सिद्धांत: अर्थ और दृष्टिकोण।
2. राज्य के सिद्धांत: उदार, नवउदार, मार्क्सवादी, बहुवचनवादी, औपनिवेशिक और नारीवादी।
3. न्याय: रावल के न्याय सिद्धांत और इसकी साम्यवादी आलोचनाओं के विशेष संदर्भ के साथ न्याय की अवधारणाएं।
4. समानता: समानता और स्वतंत्रता के बीच सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक संबंध; सकारात्मक कार्रवाई।
5. अधिकार: अर्थ और सिद्धांत; विभिन्न प्रकार के अधिकार; मानव अधिकारों की अवधारणा।
6. लोकतंत्र: शास्त्रीय और समकालीन सिद्धांत; लोकतंत्र के प्रतिनिधि, सहभागी और विचार-विमर्श के विभिन्न मॉडल।
7. शक्ति, वर्चस्व, विचारधारा और वैधता की अवधारणा।
8. राजनीतिक विचारधारा: उदारवाद, समाजवाद, मार्क्सवाद, फासीवाद, गांधीवाद और नस्लवाद।
9. भारतीय राजनीतिक विचार: धर्मशास्त्र, अर्थशास्त्र और बौद्ध परंपराएं; सर सैयद अहमद खान, एस आर आई अरबिंदो, एम.के. गांधी, बी.आर. अम्बेडकर, M.N रॉय।
10. पश्चिमी राजनीतिक विचार: प्लेटो, अरिस्टोटल, माचियावेली, हॉब्स, लॉक, जॉन, एस। मिल, मार्क्स, ग्रामसी, हन्ना अरंडट।
भारतीय सरकार और राजनीति:-
1. भारतीय राष्ट्रवाद:
(क) भारत के स्वाधीनता संग्राम की राजनैतिक कार्यनीतियां संविधानवाद से जन सत्याग्रह असहयोग, सविनय अवज्ञा एवं भारत छोड़ो, उग्रवादी एवं क्रांतिकारी आंदोलन, किसान एवं कामगार आंदोलन।
(ख) भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के परिप्रेक्ष्य उदारवादी समाजवादी एवं मार्क्सवादी, उग्रमानवतावादी एवं दलित।
2. भारतीय संविधान बनाना: ब्रिटिश शासन की अवधारणाएं; विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण।
3. भारतीय संविधान की मुख्य विशेषताएं: प्रस्तावना, मौलिक अधिकार और कर्तव्यों, निर्देशक सिद्धांत; संसदीय प्रणाली और संशोधन प्रक्रिया; न्यायिक समीक्षा और मूल संरचना सिद्धांत।
4. (क)केंद्र सरकार के प्रमुख अंग: कार्यकारी, विधानमंडल और सुप्रीम कोर्ट की वास्तविक भूमिका और परिकल्पना की गई।
(ख) राज्य सरकार के प्रमुख अंगों: कार्यकारी, विधानमंडल और उच्च न्यायालयों की वास्तविक भूमिका और परिकल्पना की गई।
5. ग्रासरूट लोकतंत्र: पंचायती राज और नगरपालिका सरकार; 73 वें और 74 वें संशोधनों का महत्व; ग्रसरूट आंदोलनों।
6. वैधानिक संस्थान / आयोग: चुनाव आयोग, नियंत्रक और महालेखा परीक्षक, वित्त आयोग, संघ लोक सेवा आयोग, अनुसूचित जातियों के लिए राष्ट्रीय आयोग, अनुसूचित जनजातियों के लिए राष्ट्रीय आयोग, महिलाओं के लिए राष्ट्रीय आयोग; राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, अल्पसंख्यक आयोग, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग।
7. संघवाद: संवैधानिक प्रावधान; केंद्र-राज्य संबंधों की प्रकृति बदलती है; एकीकरणवादी प्रवृत्तियों और क्षेत्रीय आकांक्षाएं; अंतर-राज्य विवाद।
8. योजना और आर्थिक विकास: नेहरूवादी और गांधीवादी दृष्टिकोण; नियोजन और सार्वजनिक क्षेत्र की भूमिका; हरित क्रांति, भूमि सुधार और कृषि संबंध; उदारीकरण और आर्थिक सुधार।
9. भारतीय राजनीति में जाति, धर्म और नस्ल।
10. पार्टी सिस्टम: राष्ट्रीय और क्षेत्रीय राजनीतिक दलों, पार्टियों के विचारधारात्मक और सामाजिक आधार; गठबंधन राजनीति के पैटर्न; दबाव समूह, चुनावी व्यवहार में रुझान; विधायकों के सामाजिक-आर्थिक प्रोफाइल को बदलना।
11. सामाजिक आंदोलन: नागरिक स्वतंत्रता और मानवाधिकार आंदोलन; महिला आंदोलन; पर्यावरणवादी आंदोलन।
प्रश्न पत्र – 1 (Paper-2)
तुलनात्मक राजनीति और अंतर्राष्ट्रीय संबंध
तुलनात्मक राजनीतिक विश्लेषण और अंतर्राष्ट्रीय राजनीति:-
1. तुलनात्मक राजनीति: प्रकृति और प्रमुख दृष्टिकोण; राजनीतिक अर्थव्यवस्था और राजनीतिक समाजशास्त्र दृष्टिकोण; तुलनात्मक विधि की सीमाएं
2. तुलनात्मक परिप्रेक्ष्य में राज्य: पूंजीवादी और समाजवादी अर्थव्यवस्थाओं में राज्य की विशेषताएं और बदलती प्रकृति, और उन्नत औद्योगिक और विकासशील समाज।
3. प्रतिनिधित्व और भागीदारी की राजनीति: उन्नत औद्योगिक और विकासशील समाजों में राजनीतिक दलों, दबाव समूहों और सामाजिक आंदोलनों।
4. वैश्वीकरण: विकसित और विकासशील समाजों के जवाब।
5. अंतरराष्ट्रीय संबंधों के अध्ययन के दृष्टिकोण: आदर्शवादी, यथार्थवादी, मार्क्सवादी, कार्यकर्ता और सिस्टम सिद्धांत।
6. अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में आधारभूत संकल्पनाएँ: राष्ट्रीय हित, सुरक्षा एवं शक्ति, शक्ति संतुलन एवं प्रतिरोध पर राष्ट्रीय कर्ता एवं सामूहिक सुरक्षा विश्व पूंजीवादी अर्थव्यवस्था एवं भूमंडलीकरण।
7. बदलती अंतर्राष्ट्रीय राजनीति व्यवस्था: महाशक्तियों का उदय, कार्यनीतिक एवं वैचारिक द्विधुरियता, शस्त्रीकरण की होड़ एवं शीत युद्ध, नाभिकीय खतरा।
8. अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था का उद्भव: ब्रेटनवुड से विश्व व्यापार संगठन तक, समाजवादी अर्थव्यवस्थाएँ तथा पारस्परिक आर्थिक सहायता परिषद (CMEA); नव अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था की तृतीय विश्व की मांग; विश्व अर्थव्यवस्था का भूमंडलीकरण।
9. संयुक्त राष्ट्र: विचारित भूमिका एवं वास्तविक लेखा-जोखा; विशेषीकृत संयुक्त राष्ट्र अभिकरण लक्ष्य एवं कार्यकरण, संयुक्त राष्ट्र सुधारों की आवश्यकता।
10. विश्व राजनीति का क्षेत्रीकरण: EU, ASEAN, APEC, SAARC NAFTA .
11. समकालीन वैश्विक सरोकार: लोकतंत्र मानवाधिकार, पर्यावरण, लिंग न्याय, आतंकवाद, नाभिकीय प्रसार।
भारत और विश्व:-
1. भारतीय विदेश नीति: विदेशी नीति के निर्धारक; नीति बनाने के संस्थान; निरंतरता और परिवर्तन।
2. गैर-संरेखण आंदोलन में भारत का योगदान: विभिन्न चरणों; वर्तमान भूमिका।
3. भारत और दक्षिण एशिया:
(क)क्षेत्रीय सहयोग: सार्क ‘पिछले प्रदर्शन और भविष्य की संभावनाएं।
(ख) एक मुक्त व्यापार क्षेत्र के रूप में दक्षिण एशिया।
(ग) भारत की “लुक ईस्ट” नीति।
(घ)क्षेत्रीय सहयोग के लिए प्रभाव: नदी के पानी के विवाद; अवैध सीमा पार प्रवासन; जातीय संघर्ष और विद्रोह; सीमा विवाद।
4. भारत और वैश्विक दक्षिण: अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के साथ संबंध; एनआईईओ और डब्ल्यूटीओ वार्ता की मांग में नेतृत्व की भूमिका।
5. भारत और वैश्विक शक्ति केंद्र: यूएसए, ईयू, जापान, चीन और रूस।
6. भारत और संयुक्त राष्ट्र प्रणाली: संयुक्त राष्ट्र शांति-पालन में भूमिका; सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट की मांग।
7. भारत और परमाणु प्रश्न: धारणाओं और नीति को बदलना।
8. भारतीय विदेश नीति में हाल के घटनाक्रम: अफगानिस्तान, इराक और पश्चिम एशिया में हालिया संकट पर भारत की स्थिति, अमेरिका और इज़राइल के साथ बढ़ते संबंध; एक नए विश्व व्यवस्था की दृष्टि।