मानसिक स्वास्थ्य
मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) लोगों की मानसिक स्थिति उनके भावनात्मक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक व्यवहार को दर्शाता/संदर्भित करता है, और यह सब इस पर निर्भर करता है कि लोग कैसे सोचते हैं, व्यवहार करते हैं और महसूस करते हैं। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न हो सकता है और कई प्रकार के कारकों से प्रभावित हो सकता है जैसे वर्तमान वातावरण, पिछले अनुभव और कभी-कभी यह आनुवंशिकी भी हो सकता है।
लोगों की मानसिक स्थिति इस समय पूरी दुनिया में चर्चा का विषय है क्योंकि डिप्रेशन, चिंता और मानसिक दबाव से मौत के मामले दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि शारीरिक स्वास्थ्य तो सभी देख सकते हैं लेकिन मानसिक स्वास्थ्य कोई देख नहीं सकता। अतः आगे चलकर यह एक गंभीर समस्या का रूप ले लेती है।
मानसिक स्वास्थ्य के कारण
आजकल लोग बाहर से तो स्वस्थ दिखते हैं लेकिन अंदर से मानसिक रोग से ग्रसित हैं। जिसके पीछे निम्न कारण हैं:-
- सहनशीलता का अभाव।
- ईर्ष्या।
- अकेलापन।
- प्यार और आत्मविश्वास की कमी।
- कार्यस्थल पर अपमान।
- लम्बे समय से बेरोजगार रहना।
- आज के समय में मनोवैज्ञानिक कारणों को इसका मुख्य कारण माना जा रहा है. मसलन, आपसी संबंधों में खटास, किसी करीबी की मौत, आर्थिक नुकसान, तलाक, परीक्षा में असफलता, प्रेम संबंधों में धोखा इत्यादि।
- कई अलग-अलग दवाएं, शराब और नशीली दवाओं के अत्यधिक सेवन से होने वाले दुष्प्रभाव से व्यक्ति अवसाद से ग्रस्त हो सकता है।
आजकल सोशल मीडिया पर परफेक्ट दिखने की होड़, अंतहीन प्रतिस्पर्धा और कम उम्र से ही विलासितापूर्ण जीवन जीने के लिए शॉर्टकट रास्ता अपनाना, इन सब ने मानसिक विकारों या मानसिक बीमारी के बढ़ने में योगदान दिया है। भारत में पुरुष प्रधान समाज होने के कारण भी, महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों ने उन्हें मानसिक रूप से बीमार करने का काम किया है।
हम जिस समाज में रहते हैं उसमें मानसिक बीमारी हमेशा एक उपेक्षित मुद्दा रहा है। इसके प्रति न केवल समाज का रवैया उदासीन है बल्कि यह सरकार के लिए भी एक उपेक्षित विषय ही रहा है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि किसी भी मानसिक विकार से पीड़ित व्यक्ति को पागल समझा जाता है और समाज में उस व्यक्ति को हेय दृष्टि से देखा जाता है।
मानसिक रोग से ग्रसित व्यक्ति समाज और परिवार के उपेक्षापूर्ण व्यवहार के कारण अकेलेपन का शिकार हो जाता है, अंतर्मुखी हो जाता है और समाज की मुख्यधारा से कट जाता है। ऐसे में वह व्यक्ति खुद को या दूसरे लोगों को नुकसान भी पहुंचा सकता है।
‘WHO की वर्ल्ड मेंटल हेल्थ रिपोर्ट 2022’ के मुताबिक कोरोना के आने के बाद लोगों की मेंटल हेल्थ बिगड़ती ही जा रही है। पूरी दुनिया की मानसिक बीमारी से पीड़ित 14% आबादी में सिर्फ बच्चे हैं। दुनिया के मानसिक विकारों के 52% रोगी महिलाएं हैं और 48% पुरुष हैं। लोगों में चिंता और अवसाद में 25% की वृद्धि हुई है।
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मानसिक बीमारी के लक्षण
अब लोगों की मानसिक स्वास्थ्य एक वैश्विक चिंता बनती जा रही है और वर्तमान परिदृश्य में मानसिक बीमारी एक बहुत बड़ी समस्या है। नीचे दिए गए लक्षण मानसिक बीमारी के सामान्य लक्षण हैं:-
- उदासी महसूस करना।
- मिजाज का बार-बार बदलना (Extreme mood swings)।
- बार बार आत्महत्या तथा मृत्यु संबंधी विचार दिमाग में आना।
- किसी भी काम में रुचि कम हो जाना।
- हिंसक हो जाना और अक्सर गुस्सा महसूस करना।
- मतिभ्रम (Hallucinations)।
- जरूरत से ज्यादा सोचना।
- नींद न आना, भूख में बदलाव और वजन कम होना या वजन बढ़ना।
- कभी-कभी बेचैनी महसूस होना।
- धीमी वाणी में बात करना।
वैश्विक स्तर पर लगभग एक अरब लोग मानसिक स्वास्थ्य की अलग-अलग स्थिति (Different mental health condition) के साथ जी रहे हैं। 10-19 वर्ष की आयु के बीच, प्रत्येक सात में से एक बच्चा मानसिक रोग से पीड़ित है।15-29 वर्ष की आयु वर्ग में अवसाद और चिंता के कारण होने वाली मौतों की संख्या बढ़ रही है।
समाधान
हालांकि मानसिक बीमारी कोई नयी समस्या नहीं है, पहले लोग इसके बारे में खुलकर बात नहीं करते थे, लेकिन अब लोग अपनी मानसिक समस्याओं के बारे में खुलकर बात कर रहे हैं। विश्व स्तर पर कई अभियान चलाए जा रहे हैं। मानसिक स्वास्थ्य को लेकर भारत द्वारा भी कई कार्यक्रम चलाए गए हैं जैसे – राष्ट्रीय कार्यक्रम, मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम 2017, मनोदर्पण, किरण हेल्पलाइन, मानसिक स्वास्थ्य और सामान्य विकास प्रणाली (Maanas) आदि।
निष्कर्ष
इस प्रकार हम कह सकते हैं कि लोगों की मानसिक स्थिति एक वैश्विक मुद्दा बन गई है, जिसने पूरी दुनिया को प्रभावित किया है। डिजिटल दुनिया ने जहां लोगों को जोड़ने का काम किया है, वहीं कई लोग अकेलेपन और डिप्रेशन के भी शिकार हो गए हैं, जो कहीं न कहीं एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। इसके लिए जरूरी है कि लोगों का आपस में मेलजोल बढ़े, मानसिक स्वास्थ्य सुविधाएं भी बढ़ें और लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाए। ताकि एक बेहतर समाज का निर्माण हो सके।
Q. मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) क्या है ?
Ans-मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) लोगों की मानसिक स्थिति उनके भावनात्मक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक व्यवहार को दर्शाता/संदर्भित करता है, और यह सब इस पर निर्भर करता है कि लोग कैसे सोचते हैं, व्यवहार करते हैं और महसूस करते हैं। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न हो सकता है और कई प्रकार के कारकों से प्रभावित हो सकता है जैसे वर्तमान वातावरण, पिछले अनुभव और कभी-कभी यह आनुवंशिकी भी हो सकता है।
Q. मानसिक बीमारी/रोग के कारण क्या हैं ?
Ans-अकेलापन, ईर्ष्या, सहनशीलता का अभाव, प्यार और आत्मविश्वास की कमी, बेरोज़गारी, कार्यस्थल पर अपमान, आपसी संबंधों में खटास, किसी करीबी की मौत, आर्थिक नुकसान, तलाक, परीक्षा में असफलता, प्रेम संबंधों में धोखा इत्यादि मानसिक रोग के प्रमुख कारण हैं।
Q. मानसिक बीमारी/रोग के क्या लक्षण हैं ?
Ans-मानसिक बीमारी/रोग के कई लक्षण हैं जैसे – उदासी महसूस करना, Mood swings, आत्महत्या, मतिभ्रम (Hallucination), जरूरत से ज्यादा सोचना, वजन कम होना या वजन बढ़ना, बेचैनी महसूस होना, नींद न आना, भूख में बदलाव आदि।