केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री द्वारा “विदेश व्यापार नीति 2023 (FTP)” 1 अप्रैल, 2023 से लागू हुई थी। यह टॉपिक आगामी सिविल सेवा मेन्स परीक्षा के दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है जैसे – BPSC, UPSC, UPPSC आदि।
विदेश व्यापार नीति 2023 क्या है?
- विदेश व्यापार नीति 2023 निर्यात को सुगम बनाने वाली योजनाओं की निरंतरता पर आधारित है।
- यह निर्यातकों को व्यापार करने में आसानी तथा व्यापार को सुगम बनाने के लिए री-इंजीनियरिंग और स्वचालन की प्रक्रिया को लक्षित करती है।
- इसका लक्ष्य भारतीय मुद्रा का वैश्वीकरण करना तथा अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में घरेलू मुद्रा को बढ़ावा देना है।
- विदेश व्यापार नीति 2023 के अंतर्गत भारत सरकार का लक्ष्य – निर्यात को 2030 तक 2 ट्रिलियन अमेरिका डॉलर तक पहुंचाना है, जिसमें वस्तु एवं सेवा क्षेत्रों का बराबर योगदान होगा।
विदेश व्यापार नीति 2023 मुख्यतः चार स्तंभों पर आधारित है:-
- प्रोत्साहनों से छूट की ओर बढ़ना।
- व्यवसाय करने की सुगम्यता, कारोबार लागत में कमी तथा ई-पहल।
- सहयोग के माध्यम से निर्यात प्रोत्साहन।
- उभरते क्षेत्र-निर्यात हबों के रूप में ई-कॉमर्स विकासशील जिलें तथा विशेष रसायन, जीव, सामग्री, उपकरण और प्रौद्योगिकी (SCOMET) नीति को सुव्यवस्थित बनाना।
विदेश व्यापार नीति 2023 की मुख्य विशेषताएं
- इस नीति के अंतर्गत चार नए ‘एक्सपोर्ट एक्सीलेंस टाउन’ (Towns of Export Excellence -TEE) जोड़ा गया है जिसमें, फरीदाबाद – परिधान(Apparel) के लिए, मुरादाबाद – हस्तशिल्प (Handicraft) के लिए, वाराणसी – हथकरघा और हस्तशिल्प (Handloom and handicraft) के लिए और मिर्ज़ापुर हस्तनिर्मित कालीन (Handmade carpets) के लिए विकसित किये जाएंगे। वर्तमान समय में भारत में 39 एक्सपोर्ट एक्सीलेंस टाउन हैं।
- पिछले वित्तीय वर्ष 2021-22 में भारत का कुल निर्यात 676 अरब डॉलर रहा था। इस वित्त वर्ष 2022-23 में भारत का कुल निर्यात 760-770 अरब डॉलर रहने की उम्मीद है।
- वर्तमान समय में जो देश आर्थिक संकट या डॉलर की कमी से जूझ रहे हैं, उन देशों के साथ भारतीय रुपये में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा।
- SEZ (Special Economic Zone) को अपग्रेड और मॉडिफाई कर ‘देश’ (डेवलपमेंट ऑफ़ एंटरप्राइज एंड सर्विस हब) (DESH: Development of Enterprise and Services Hub) बनाया जाएगा।
- एक एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल का गठन किया जाएगा।
- क्वालिटी और कॉम्पिटेटिव एक्सपोर्ट प्रमोशन के लिए इंसेंटिव देने का भी प्रावधान किया गया है।
- पहले 5 स्टार एक्सपोर्टर का दर्जा प्राप्त करने के लिए 2 बिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट करना होता था जिसे घटाकर अब 800 मिलियन डॉलर कर दिया गया है। इसमें जिस एक्सपोर्टर की रेटिंग जितनी ज्यादा अच्छी होगी उसे व्यापार लाभ उतना ज्यादा मिलेगा जैसे – लोन मिलने में आसानी।
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विदेश व्यापार नीति 2023 का प्रभाव
- इस नीति से MSME (Micro, Small, Medium enterprises) को बढ़ावा मिलेगा।
- FDI (Foreign Direct Investment) में वृद्धि होगी।
- रोजगार में वृद्धि होगी।
- भारतीय निवेश की मात्रा में वृद्धि होगी।
- भारत आयातक से निर्यातक की भूमिका की ओर बढ़ेगा।
- भू-राजनीति में भी भारत का कद बढ़ेगा।
- 2023 की यह विदेश व्यापार नीति भारत के 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण दिशा साबित होगा।
पिछली विदेश व्यापार नीति
आमतौर पर यह नीति 5 वर्षों के लिए लायी जाती है। पिछली विदेश व्यापार नीति 1 अप्रैल 2015-2020 के लिए लॉन्च गई थी जिसमे 2020 तक 900 बिलियन डॉलर निर्यात का लक्ष्य रखा गया था, परंतु कोविड-19 महामारी के कारण इस लक्ष्य को मार्च 2023 तक बढ़ा दिया गया था।