भारत में नए युग की नारी की परिपूर्णता एक मिथक है।

नए युग की नारी की परिपूर्णता

नए युग की नारी की परिपूर्णता एक मिथक है। इस निबंध की शुरुआत हम निम्न पंक्तियों के साथ करेंगे, जो इस प्रकार है। मैं नारी हूँ, मेरी पहचान। मैं सीता की शक्ति, मैं मंदोदरी की धैर्य हूँ। मैं राधा की प्रेम , मैं चंडिका की क्रोध हूँ। मैं गंगा की शीतलता, मैं ज्वाला की आग … Read more

चिंतन एक तरह का खेल है, यह तब तक प्रारंभ नहीं होता, जब तक एक विरोधी पक्ष न हो।

चिंतन एक तरह का खेल है, यह तब तक प्रारंभ नहीं होता, जब तकएक विरोधी पक्ष न हो

“चिंतन एक तरह का खेल है, यह तब तक प्रारंभ नहीं होता, जब तकएक विरोधी पक्ष न हो।” चिंतन, किसी विषय वस्तु पर गहन अध्ययन एवं मनन करने की एक प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से व्यक्ति परिवार, समाज एवं देश के लिए सही निर्णय ले सकता है। जिससे अधिकतम कल्याण एवं सामाजिक,आर्थिक न्याय करके देश … Read more

निबंध – केवल ज्ञान की ज्योति द्वारा ही मानव मन के अंधकार को दूर किया जा सकता है।

केवल ज्ञान की ज्योति द्वारा ही मानव मन के अंधकार को दूर किया जा सकता है।

“केवल ज्ञान की ज्योति द्वारा ही मानव मन के अंधकार को दूर किया जा सकता है।’’ “The darkness of the human mind can be dispelled only by the light of knowledge” – Raja Ram Mohan Roy “राजा राममोहन” राय के उपरोक्त उदाहरण को हम राष्ट्रकवि “श्री रामधारी सिंह दिनकर” जी की इस कविता से समझ … Read more